छत्तीसगढ़ के दो सहकारी शक्कर कारखाना लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना मार्यादित पंडरिया और भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना राम्हेपुर कवर्धा ने देश के सभी सहकारी शक्कर कारखाना को पीछे छोड़ते हुए रिकवरी दर के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर नया कीर्तिमान रचा है।
कवर्धा (नईदुनिया न्यूज)। छत्तीसगढ़ के दो सहकारी शक्कर कारखाना लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना मार्यादित पंडरिया और भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना राम्हेपुर कवर्धा ने देश के सभी सहकारी शक्कर कारखाना को पीछे छोड़ते हुए रिकवरी दर के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर नया कीर्तिमान रचा है। यह दोनों सहकारी शक्कर कारखाना छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में स्थापित है। रिकवरी दर अधिक होने से जिले के 18 हजार 497 किसानों को 53.83 करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि प्राप्त होगा। वित्तीय वर्ष में किसानों को 280.7 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।
देश में पहले नंबर पर रहकर उपलब्धि की हासिल
लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना मार्यादित पंडरिया पेराई सत्र 2021-22 में 13.12 फीसद रिकवरी के साथ पूरे देश में पहले नंबर पर रहकर उपलब्धि हासिल की है। इससे यहां के 7 हजार 279 किसानों को 104.40 रुपये प्रति क्विंटल लाभ प्राप्त होगा। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रति क्विंटल 79 रुपये किसानों को भुगतान किया जाएगा। इस प्रकार वित्तीय वर्ष में 459 रुपये प्रति क्विंटल किसानों को भुगतान किया जाएगा। इस प्रकार वर्ष 2021-22 में 7 हजार 279 किसानों को 135.5 करोड़ रुपये की राशि भुगतान की जाएगी। वित्तीय वर्ष में किसानों से 29 लाख 5 हजार 338 मीट्रिक टन गन्नों की खरीदी की गई।
भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना पूरे देश में दूसरे नंबर पर
भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना राम्हेपुर कवर्धा पेराई सत्र 2021-22 में सर्वाधिक 11.8 फीसद रिकवरी के साथ पूरे देश में दूसरे नंबर पर रहा है। इस उपलब्धि से यहां के 11 हजार 218 किसानों को 66.70 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रति क्विंटल 79 रुपये किसानों को भुगतान किया जाएगा। इस प्रकार वित्तीय वर्ष में 421 रुपये प्रति क्विंटल किसानों को भुगतान किया जाएगा। इस प्रकार वर्ष 2021-22 में 11 हजार 218 किसानों को 145.2 करोड़ रुपये की राशि भुगतान की जाएगी। वित्तीय वर्ष में किसानों से 34 लाख पांच हजार तीन मीट्रिक टन गन्नो की खरीदी की गई।